लक्ष्मण झूला ...ऋषिकेश ...उत्तराखंड
पुरातन कथाओं के अनुसार इस स्थान पर भगवान श्री राम व उनके अनुज लक्ष्मण जी ने गंगा नदी को जूट की रस्सियों की सहायता से पार किया था ..
पुराने समय में यहाँ पर जूट की रस्सियों का पुल हुआ करता था सन 1889 में
लोहे की रस्सियों का पुल बना पर सन 1924 में बाढ़ में वह
भी बह गया ..उसके बाद वर्तमान पुल का निर्माण किया गया ...पहले चार पहिये
की छोटी गाडियाँ विशेष अवसरों पर पार करने दी जाती थी...
मेरी शादी में भी
इस पुल से कार को पार करने दिया गया था ..कुछ समय बाद केवल दो पहिया वाहनों
को ही पार करने की अनुमति जारी रही .लेकिन अब कुछ समय में दो पहिया वाहनों
पर भी, पुल के पुराने हो जाने के कारण रोक लगायी जायेगी ..तब वाहनों का इस
पुल से पार जाना एक इतिहास बन जायेगा.
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