Tuesday, 22 September 2015

“ खूनी दरवाजा “ दिल्ली



“ खूनी दरवाजा “ , दिल्ली


              पुरानी जेल (मौ. आ. मेडिकल कॉलेज) के ठीक दूसरी तरफ,दिल्ली गेट के समीप बहादुर शाह जफ़र मार्ग पर स्थित, शेरशाह सूरी द्वारा निर्मित 15.5 मी. ऊँचा, मुग़ल काल में दीवारों से घिरी दिल्ली के ठीकठाक बचे 13 गेटों में से एक , इस लाल दरवाजे पर इतने क्रूर अमानवीय घटनाओं को अंजाम दिया गया कि इसका नाम, लाल दरवाजे से “ खूनी दरवाजा “ हो गया !!
             1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के समय जब बहादुर शाह जफ़र को आत्म समर्पण के लिए मजबूर होना पड़ा तो अगले ही दिन 22 सितम्बर 18५७ को उनके परिवार के 16 लोगों ने भी बिना शर्त आत्म समर्पण कर दिया. अंग्रेज कैप्टन हडसन उनके पुत्रों, मिर्ज़ा मुग़ल और किज़्र सुल्तान और पोते अबू बकर लेकर जब सैनिकों के साथ इस दरवाजे पर पहुंचा तो उसने स्वयं को सिर पर कफ़न बांधे हजारों मुस्लिमों से घिरा पाया !! कहीं भीड़ शहजादों को छुड़ा न ले इस भय से हडसन ने तीनो शहजादों के उपरी वस्त्र उतरवाकर तलवार से सिर काट दिए. इस घटना में मतभेद हैं ऐसा भी कहा जाता है कि गोली मारकर उनके शव को कोतवाली के सामने आम जनता में प्रदर्शन हेतु रखा गया..
            इस घटना के अलावा इसी स्थान पर जहाँगीर ने अब्दुल रहीम खानखाना के दो पुत्रों की हत्या कर उनके शवों को सड़ने के लिए छोड़ दिया था !! अमानवीय घटनाओं का दौर यहीं समाप्त नहीं हो जाता !! औरंगजेब ने सिहांसन की लडाई में अपने बड़े भाई दारा शिकोह का क़त्ल करके उसका सिर इसी दरवाजे पर टांग दिया था.
            मुग़ल काल में खूनी दरवाजे से जुडी कई दरिंदगी की घटनाएँ हैं.. 1947 में आजादी के समय पुराने किले में बने शरणार्थी शिविरों की तरफ जाते हुए शरणार्थियों के नर संहार का गवाह भी यही खूनी दरवाज़ा ही है !!
             इस दरवाजे पर दिसंबर 2002 में मेडिकल छात्रा से हुए बलात्कार के बाद ये दरवाज़ा फिर से सुर्ख़ियों में आया और उसके बाद इसे आम जनता के लिए सील कर दिया गया है !
साथियों, कोई स्थान शुभ या अशुभ नहीं होता मानवीय कृत्य उस स्थान को शुभ या अशुभ बना देते हैं. महाभारत धारावाहिक का “ शीर्षक गीत “ इतिहास के सन्दर्भ में बहुत सुन्दर और सारगर्भित सन्देश देता है.. “ सीख हम बीते युगों से नए युग का करें स्वागत ....” . आज अपने दोनों तरफ भागती- दौड़ती गाड़ियों के बीच खड़ा खूनी दरवाजा, मानवता को अमानवीय कृत्यों का मूक गवाह बन शायद यही सन्देश दे रहा है !!

  

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