" फांसी घर ", पुरानी जेल
मौलाना कलाम मेडिकल कॉलेज, दिल्ली
आज रिंग रोड पर मौ.आ. मेडिकल कॉलेज के गेट पर, दि.न. नि. के शिलापट्ट पर लिखे “पुरानी जेल“ ने बरबस ही ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया. बाइक वहीँ किनारे खड़ी कर परिसर के अन्दर प्रवेश किया . लेकिन वहाँ न कोई जेल दिखी न ही कोई खंडहर !! एक छोटे से पार्क के गेट पर लिखा था “ फांसी घर “ !!
हार्डिंग बम कांड के स्वातंत्र्य वीर, मास्टर अमीर चंद, भाई बाल मुकुंद, मास्टर अवध बिहारी को 8 मई 1915 को इसी स्थान पर फांसी दी गयी थी..
लेकिन शायद ही 8 मई के अलावा, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री यहाँ शहीदों को श्रद्धांजलि देने आते हैं, कोई पर्यटक इधर का रुख करता हो !!
ऐसा प्रतीत होता है कि शहीदों को जलान्जुली देते हुए जल भी सहम कर थम गया है और रीती अंजुली जल की प्रतीक्षा में शहीदों को कृतज्ञता व्यक्त करने को बेताब, जुडी हुई हैं !!
आश्चर्य होता है ये सोचकर कि दिल्ली के सौन्दर्यीकरण पर होने वाले भरी भरकम खर्च के बावजूद भी क्या इन अंजुलियों को जल की प्रतीक्षा में यूँ ही रहना होगा !!
उचित देख रेख की कमी के कारण अंजुली में जलप्रवाह नहीं है !!
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