" नटराज दही-भल्ला कॅार्नर " : दिल्ली
सैर सपाटे पर निकले हों और खाने –पीने की बात न हो तो कुछ अधूरा सा लगता है !! हालाँकि घर से बाहर खाना मेरे लिए उत्साह का विषय नहीं है लेकिन कटरा नील में, राय चुन्नामल की हवेली से लाल किला की और बढ़ते हुए, भाई मतिदास चौक के पास, , 1940 में स्थापित “ नटराज दही भल्ला कॅार्नर “ सामने दिखें तो लोभ संवरण कर पाना कठिन हो जाता है.
इस दुकान के
विशेष सौंठ व मेवे युक्त स्वादिष्ट दही भल्ले कई प्रसिद्ध शख्सियतों की
यादें संजोये हुए है. आज 50 रुपये में मिलने वाले दही भल्लों ने कई
शख्सियतों को इस दुकान का रुख करने को मजबूर किया हर दिल अजीज लाल बहादुर
शास्त्री जब ताशकंद गए थे तो अपने साथ यहीं से दही भल्ले पैक करवाकर साथ
ले गए थे.जनप्रिय नेता अटल जी भी अक्सर यहाँ दही भल्लों का आनंद लेने आया
करते थे. स्टंट किंग अक्षय कुमार जब चांदनी चौक में रहते थे तो अक्सर इस
दुकान पर आते थे .
केवल चांदनी चौक तक ही सीमित न रहकर, “ नटराज के भल्ले “ कई दूसरे देशों में भी निमंत्रण पर जाकर अपनी पाक कला के जादू से विदेशियों को भी सम्मोहित कर चुके हैं ..
केवल चांदनी चौक तक ही सीमित न रहकर, “ नटराज के भल्ले “ कई दूसरे देशों में भी निमंत्रण पर जाकर अपनी पाक कला के जादू से विदेशियों को भी सम्मोहित कर चुके हैं ..
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