Wednesday, 16 September 2015

बेमौसम " बुराँश " और " फ्यूंलि " !!


बेमौसम " बुराँश " और " फ्यूंलि " !!

बुरांश मंगसीर खिळि
खित्त हैंसी !!
फिंयुली पूस खिख्तै
खिल्ल खिल्ल !!
यूँ मासु बुरांश फ्यूंळि
फुळ्युं देख,
डाळा खौळ्यां देखदा रैन्
टुकुर टुकुर !!
पहाड़ खोदी खोदी
होटल बण ग्येन् !!
रोज रड़दन् पहाड़
अब घमा घम !!
फुळ खिळ्ना कु मौसम
अब भुळ ग्यन्
डाळियों बगैर रड़दा डांडा
दिखेंद्न सुन्न सुन्न !!

... विजय जयाड़ा
 

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