किला सुरक्षा व्यवस्था : जयगढ़ दुर्ग (किला) , जयपुर
यदि मुगलकालीन समय के किलों की सुरक्षा व्यवस्था का अवलोकन किया जाय तो किले की मुख्य दीवार पर दुश्मन को रोकने के लिए प्राय: ये तीन छिद्र्नुमा आकृतियाँ दिखाई देंगी ..
तीनों की छिद्र दीर्घता उनके उपयोग के अनुरूप
बनायीं गयी है .. सबसे बड़ा छिद्र तोप के लिए, उससे कम दीर्घता लिए छिद्र,
लम्बी नाल वाली बन्दूक के लिए और सबसे
नीचे तल से लगा हुआ छिद्र, दोनों की विफलता उपरांत गर्म तेल प्रवाहित करने
के लिए हुआ करता था.
हालाँकि जहाँ सुलभ था वहां किले के चारों तरफ पानी की
नहर हुआ करती थी जिससे दुश्मन किले की दीवार को पार न कर सके यदि फिर भी
शत्रु इस सुरक्षा घेरे को तोड़ने में कामयाब होता जाता था तो किले के ऊपर
दीवारों से इन छिद्रों से गर्म तेल प्रवाहित कर शत्रु को रोकने की कोशिश
की जाती थी...
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