Wednesday 30 September 2015

चरण आशीर्वाद, भरत मंदिर, ऋषिकेश



चरण आशीर्वाद, भरत मंदिर, ऋषिकेश


        विगत में मैंने पोस्ट्स के माध्यम से श्रृंखलाबद्ध रूप में आपके साथ, अर्जित जानकारी की अधिकतम सीमाओं तक पहुंचकर, ऋषिकेश शहर के संस्थापक मंदिर, भरत मंदिर (ऋषिकेश नारायण) के इतिहास व धार्मिक महत्व से जुडी कई जानकारियाँ, नि:स्वार्थ भाव व पवित्र मन से सेवा रूप में साझा की, यदि उत्साह, अज्ञानता व भूलवश कुछ मिथ्या लिख दिया हो तो ऋषिकेश नारायण जी (भरत जी ) से दंडवत क्षमा याचक हूँ ... भरत मंदिर में उस समय उपस्थित युवा पुजारी जी का भी सहृदय ऋणी हूँ जिन्होंने मुझे पूरा सहयोग दिया ..
       ऋषिकेश जाइएगा तो त्रिवेणी घाट के पास, भरत मंदिर दर्शन अवश्य कीजियेगा. अक्षय तृतीया के दिन दर्शन का विशेष लाभ है. इस दिन मंदिर की 108 परिक्रमाएँ, बद्रीनाथ जी के दर्शन के तुल्य हैं और मनोवांछित फलदायक हैं. इसी पवित्र दिन ऋषिकेश नारायण जी के पवित्र चरणों को दर्शनार्थ अनावर्णित किया जाता है. तत्कालीन टिहरी नरेश प्रदुम्न शाह ने ऋषिकेश क्षेत्र को भरत मंदिर के नाम किया था लेकिन उसके बाद सम्बन्धित जमीन का मंदिर के महंत ने अपने पुत्रों के नाम व्यक्तिगत पट्टा बना दिया ..
       मंदिर में प्रतिष्ठित कुछ प्राचीन मूर्तियों की तस्वीरें कमेन्ट बॉक्स में साझा कर रहा हूँ .. सम्बंधित पोस्ट्स श्रृंखला पर आप सम्मानित साथियों का भरपूर उत्साहवर्धन मिला .. तहेदिल से आभारी हूँ
अब पुजारी जी द्वारा दिए गए ऋषिकेश नारायण जी के चरण आशीर्वाद पश्चात, भरत मंदिर से जुडी जानकारियों को विराम देता हूँ.. सभी सम्मानित साथियों के ऊपर सपरिवार, ऋषिकेश नारायण जी की कृपा बनी रहे ..
 
 
  

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