Saturday 18 July 2015

सर सब्ज दयार

सर सब्ज दयार

 न हिन्दू है, न मुसलमान ही कोई यहाँ
  न सिख और बौद्ध बसर दीखती यहाँ,
ईसाइयों की दूर तक कोई खबर नहीं
  अमन औ खुशहाली की यहाँ बसर है।
नाम अलग हैं मगर कोई शोर नहीं है
   मजहबी बिसात, मोहरों का खेल नहीं है,
आपस में रहते हैं सभी मेल-जोल से
   छोटे और बड़े का भी यहाँ भेद नहीं है !!
धर्म जाति पंथ का बसेरा यहाँ नहीं
फिरका पसन्दों का भी बोलबाला नहीं,
दैरोहरम भी दूर तक दिखते नहीं यहाँ
      मगर,सर सब्ज दयार में__
     हर कोई दुनिया की खिदमत में लगा है यहाँ !!
... विजय जयाड़ा
 
 
 
 
 

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