Monday 30 May 2016

राजभवन, उत्तराखंड



       राजभवन, उत्तराखंड

           देहरादून में घर पर गर्मी महसूस हो रही थी तो हरे-भरे छावनी क्षेत्र की तरफ रुख किया. मसूरी में हो रही बारिश के कारण ठंडी हवाओं से छावनी क्षेत्र में भी मौसम खुशनुमा हो गया था. राजभवन को देख बचपन में पढ़ी श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी द्वारा रचित कविता अनायास ही याद आ गयी ....

 
यदि होता किन्नर नरेश मैं
राज महल में रहता,
सोने का सिंहासन होता
सिर पर मुकुट चमकता।


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