Thursday 19 May 2016

उत्तराखंड आइये ! रिचार्ज होकर जाइए !!




उत्तराखंड आइये ! रिचार्ज होकर जाइए  !!

        ये तस्वीर इन गर्मियों में अपराहन चार बजे क्लिक की गई है ! अब आप पूछेंगे कि इसमें ऐसी क्या विशेष बात है !!
       सुबह आठ बजे से बारात के साथ सफ़र और फिर खुले आसमान के नीचे आग बरसाते सूरज के सानिध्य में खेत में बैठकर बारात भोज के तुरंत बाद जेठू साहब की जिद पर धूल-धक्कड़ भरी ऊबड़-खाबड़ कच्ची-पक्की सड़क पर मौण गाँव तक पुन: कई किलोमीटर बाइक से थकाऊ सफ़र करके फिर गाँव तक चढ़ाई पर पैदल चलने के बाद ये तस्वीर ली गयी है.
        प्रारंभ में तस्वीर क्लिक करने के समय का जिक्र इसलिए किया क्योंकि तेज धूप और गर्मी के मौसम में इतने व्यस्त कार्यक्रम के बाद किसी के भी चेहरे पर मुरझाहट और थकान के भाव परिलक्षित होना स्वाभाविक सी बात है लेकिन यहाँ दिल्ली के विपरीत मुझे बिलकुल भी थकावट का अहसास नहीं हुआ क्लिक करने के बाद तुरंत ऋषिकेश तक, वापसी का लगभग 90 किमी. तक का सफ़र भी ख़ुशी-ख़ुशी बाइक से तय कर लिया.    
 
      उत्तराखंड के वातावरण में ऐसा कुछ विशेष अवश्य है जो व्यक्ति में अतिरिक्त ऊर्जा भर देता है ... शांत चित्त कर देता है और महानगरों में भौतिक सुख-सुविधाओं में रहने के बावजूद भी व्यक्ति में परिलक्षित होने वाली बोझिलता, अलसाहट, थकान, तनाव व चिडचिडाहट गायब हो जाती है..
        तो आइये !! मर्यादित, शालीन पर्यावरण मित्र व्यवहार के साथ उत्तराखंड में कुछ दिन बिताइए !! और रिचार्ज होकर मधुर स्मृतियों के साथ लौट जाइए !!


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