मेरी यात्रा डायरी
Tuesday, 8 December 2015
नमन
नमन
मधुर कर्णप्रिय
कल-कल निनाद
हरित पल्लवित विटप
शीतल मंद बयार
लता विहग खग
कलरव संग
अतुलित कर श्रृंगार
निजता का कर
तिरस्कार
खग-विहग मनुज
सबकी पालनहार
हे, ममतामयी
अप्रतिम ..
सौम्य प्रकृति
तुझको नमन
बारम्बार.. बारम्बार
^^ विजय जयाडा ..23.09.13
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