यादगार पल !!
विवाह में सम्मिलित होने के पश्चात्, भांजे निर्मल के साथ भ्रमण पर निकल पड़ा।लक्ष्मण झूला से लगभग चार किमी. आगे नीलकंठ मार्ग पर पटना जल प्रपात की तरफ बढ़ रहे थे कि निर्जन सुनसान में अप्रत्याशित रूप से, खुले आसमान के नीचे, स्थानीय युवक द्वारा संचालित चाय की दुकान मिली ! एक चाय 15 रुपये !! लेकिन सुविधाओं की दृष्टि से उस विकट स्थान पर शायद ये दाम अधिक न था !
मुख्य मार्ग से हटकर लगभग दो किमी. की खड़ी चढ़ाई लिए मार्ग पर पैदल चलते हुए हमें थकान महसूस होने लगी थी तो ठंडी व ताजगी से भरपूर हवाओं के सुखद सानिध्य में कुछ समय व्यतीत कर तरोताजा होने को वहीं विश्राम करने लगे। निर्जन घने जंगल से गुजरते हुए किसी बहाने विश्राम का अलग ही आनंद है।
हालांकि इन स्थलों की जानकारी बहुत कम लोगों को है लेकिन आप जब भी धार्मिक नगरी ॠषिकेश आइएगा तो मंदिरों के दर्शनों के साथ-साथ,व्यावसायीकरण की जद में व कंकरीट के निरंतर फैलते जंगलों के कारण सिमटते प्रकृति के इस अप्रतिम नैसर्गिक सानिध्य में कुछ समय अवश्य बिताइएगा। निश्चित ही आपको लगेगा कि अनुपम सौंदर्य लिए इन प्राकृतिक स्थलों पर प्रकृति का सानिध्य सुख प्राप्त किए बगैर ॠषिकेश की यात्रा अधूरी ही है !
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