Tuesday, 8 December 2015

ये कहाँ आ गए हम !!





ये कहाँ आ गए हम !!

               फिरोजशाह तुगलक को वास्तुशिल्प का शौक था और उनकी तुलना रोम के सम्राट अगस्तस से की जाती है।
                उन्होंने यमुना तट पर 1354 में पांचवीं दिल्ली ‘कोटला फिरोजशाह’ को स्थापित किया और फिरोजाबाद दुर्ग का निर्माण कराया जिसे फिरोजशाह कोटला किले के नाम से जाना जाता है. उन्होंने 38 साल के शासनकाल में दिल्ली के पास 1200 बाग बगीचे लगवाए। फिरोजशाह तुगलक इतिहास गवाह है कि फिरोजशाह तुगलक के 38 साल के शासनकाल के बाद वंशानुगत झगड़ों के कारण उसकी सल्तनत 1398 में तैमूर के हमले की शिकार हो गई, जिसके कारण दिल्ली में भारी तबाही हुई अब यह किला मात्र तत्कालीन यादों को संजोये एक खंडहर मात्र बनकर रह गया है
             मस्तिष्क पर बहुत जोर डाला कि आखिर ये गुफानुमा निर्माण किस उद्देश्य से किया गया होगा !! क्या ये कारागार रहा होगा !! लेकिन, बस अनुमान ही लगाता रह गया क्योंकि वहां न वर्णन पट्ट था न गूगल पर ही कुछ मिल पाया !!
 
 

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