Monday 4 April 2016

मेरी प्रेरणा स्रोत पुस्तक ; “ मेरी दिल्ली “








मेरी प्रेरणा स्रोत पुस्तक ; “ मेरी दिल्ली “

        प्रेरणा या उत्प्रेरण किस माध्यम से कब और किस दिशा में मिल जाय कुछ कहा नहीं जा सकता !! ख्याति प्राप्त व्यक्तित्व, घटना या पुस्तक भी प्रेरणा या उत्प्रेरण का काम कर सकते हैं.
आप मेरे यात्रा वृत्तांत पढ़ते हैं दिल से सराहते हैं इसके अलावा आपके प्रोत्साहन के फलस्वरूप इन यात्रा वृतांतों का रेडियो से प्रसारण व समाचार पत्रों में भी प्रकाशन हो चुका है. कई साथी यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों पर जाकर वहां का यात्रा वृतांत लिखने कि प्रेरणा मुझे कहाँ से मिली ??
     अदना सा व्यक्ति हूँ इसलिए इस सम्बन्ध में बड़ी-बड़ी बात नहीं करना चाहता ! हालाँकि इस सम्बन्ध में रूचि तो पहले से ही थी लेकिन 2014-15 में जब मेरे पास कक्षा तीन थी तो मुझे पाठ्यक्रम में सामजिक विषय के रूप में सम्मिलित पुस्तक, “ मेरी दिल्ली “ भी पढ़ानी थी ! इस पुस्तक में कक्षा आयु वर्ग के मानसिक स्तरानुरूप, बच्चों का दिल्ली की बसावट व कुछ ऐतिहासिक स्थानों से संक्षिप्त परिचय करवाया गया है.
        इस पुस्तक ने ही मेरी रूचि को विस्तार दिया या यूँ कह लीजिये प्रेरणा या उत्प्रेरण का काम किया. फलस्वरूप मैं दिल्ली का इतिहास करीब से टटोलने निकल पड़ा !! दिल्ली ही नहीं इस पुस्तक की प्रेरणा उपरान्त कई अन्य प्रदेशों से सम्बंधित, अब तक 150 से अधिक यात्रा वृत्तांत लिख चुका हूँ..
      सोचता हूँ, देख-सुन-पढ़ कर उस दिशा में हमारे अन्दर कौतुहल उत्पन्न होता है और यही कौतुहल, प्रेरणा या उत्प्रेरण का काम करता है लेकिन दृढ इच्छा शक्ति, अथक परिश्रम व लगन ऐसे कारक हैं जो प्रेरणा को मूर्त रूप देते हैं और सम्बंधित क्षेत्र में सफलता सुनिश्चित करते हैं..


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