Thursday 13 August 2015

हमारे,तत्कालीन सर्वश्रेष्ठ कॉमनवेल्थ वीरता पुरस्कार "विक्टोरिया क्रॉस" विजेता

 

हमारे तत्कालीन सर्वश्रेष्ठ
कॉमनवेल्थ वीरता पुरस्कार "विक्टोरिया क्रॉस" विजेता


             देश की एकता और अखंडता को कायम रखने में,1887 में स्थापित गढ़वाल रायफल का स्वर्णिम इतिहास रहा है ..
            बैनेट युद्ध कौशल में सिद्धहस्त रायफल मैन,गबर सिंह नेगी ने प्रथम विश्व-युद्ध के दौरान फ्रांस में, दुश्मनों की टुकड़ी को आत्म समर्पण करने को मजबूर किया और स्वयं वीर गति को प्राप्त हुए.इसी युद्ध के दौरान नायक दरवान सिंह नेगी ने सिर पर दो स्थानों और हाथ पर घायल होने के बावजूद दुश्मनों की टुकड़ी को गोलियों की बौछारों के बीच पीछे हटने को मजबूर किया.  

           वहीँ लेफ्टिनेंट कैनी ने 1919 -20 में शक्तिशाली महसूद के सेना के आक्रमण से अपनी सेना को सुरक्षित निकालने में वीरगति प्राप्त की... तीनों वीर सपूतों को,तत्कालीन सर्वश्रेष्ठ कॉमनवेल्थ वीरता पुरूस्कार विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया.गढ़वाल रायफल से विक्टोरिया क्रॉस प्राप्त करने वाले ये प्रथम तीन वीर सपूत थे .

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