Wednesday, 6 July 2016

जा जा बेटी नागणी बाजार, टिहरी, उत्तराखंड .. Nagni Market, Tehri Garhwal, Uttarakhand )



जा जा बेटी नागणी बाजार, टिहरी, उत्तराखंड  .. Nagni Market, Tehri Garhwal, Uttarakhand )

         नेगी दा के इस गीत पर हम नागणी बाजार सुबह कुछ जल्दी पहुँच गए ! अभी बाजार बंद है इसलिए सुनसान है !!
         नेगी दा ने गीत में पिता के बेटी को व्याहने को लेकर चुहलबाजी भरे संवाद में जिस रोचकता के साथ उत्तराखंडी भोज्य, कोदे (मंडूवे) से बने बाड़ी, झंगोरे (समा के चावल) से बने छंछेंडू के साथ-साथ, फाकरा पोली .. और लोक पहनावे, पछेंडू और चोली का भी जिक्र किया है उसके प्रति आगे के सफ़र में जिज्ञासा रहेगी ....
       नागणी बाजार में इससे पहले भी पूरी के आकार के बड़े-बड़े उड़द स
े बने पकोड़ों का आनंद ले चूका हूँ..
        नेगी दा के गीतों के हर बोल व संगीत में उत्तराखंड की संस्कृति जीवंत परिदृश्यत होती है. जो पूरे उत्तराखंड को एक सांस्कृतिक डोर में गूथती हुई बढ़ती चली जाती है .
          गीत गाने वाले व रचने वाले अन्य भी अच्छे गायक और रचनाकार हैं लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैं नेगी दा का प्रशंसक हूँ ... उनके लेखन व आवाज में उत्तराखंड की बोळी की स्वाभाविक सरलता व मिठास, प्राकृतिक सौंदर्य, इतिहास, लोक परम्पराओं और संस्कृति का निर्झर प्रवाह महसूस होता है 

       कुछ इस तरह भी कहा जा सकता है कि.. नेगी जी के गीत महज गीत ही नहीं .. बल्कि उत्तराखंड का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, लोक परम्पराओं व प्राकृतिक सौंदर्य का सुर व संगीत निबद्ध पुस्तकालय भी हैं.
नेगी दा ... धन्य हो आप ..

https://youtu.be/V3SrX-Kb9HE


No comments:

Post a Comment