Wednesday, 6 July 2016

धरासू बैंड ... उत्तरकाशी



धरासू बैंड ... उत्तरकाशी

        चिन्याली सौड़-बडेथी-धरासू क्षेत्र, 1990-93 के दौरान मेरी कर्म भूमि रहने और यहाँ समाजोपयोगी कार्यों को हाडतोड मेहनत उपरान्त सफलतापूर्वक निष्पादित करने को लेकर मेरी स्मृतियों में गहराइयों से जुड़ा है. यहाँ स्वयं द्वारा किये गए कार्यों पर मुझे शालीन गर्व भी है. उस दौरान प्राप्त स्थानीय सहयोग के लिए मैं इस क्षेत्र के निवासियों का सदैव कृतज्ञ हूँ..
       ऋषिकेश से गंगोत्री की तरफ चलने पर चंबा से उत्तरकाशी के लिए टिहरी बाँध झील के साथ-साथ बनी नयी सड़क से झील का नजारा देखते हुए पर चलने पर छोटे से कस्बे, धरासू (ऋषिकेश से 135 किमी.) से एक-डेढ़ किमी. आगे बढ़ने पर चार धाम यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव " धरासू बैंड " आता है चार धाम यात्रा में प्रथम दर्शन यमनोत्री धाम के किये जाते हैं. छोटी-छोटी दैनिक आवश्यकताओं के सामान की अस्थायी दुकानों वाले धरासू बैंड से यमनोत्री 109 किमी. और गंगोत्री 128 किमी. की दूरी पर है.
       गंगोत्री व यमनोत्री धामों की यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव होने और वन विभाग भूमि क्षेत्र होने के कारण यहाँ प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए स्वच्छता,आवास, भोजन व चिकित्सा सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ती हेतु उचित व्यवस्था किये जाने की दरकार है.
ऋषिकेश से उत्तरकाशी की बस में बैठे यात्री यहाँ उतरकर बस या जीप से यमनोत्री की तरफ प्रस्थान करते हैं.
       धरासू में मनेरी- भाली जल विद्युत परियोजना, द्वितीय चरण के अंतर्गत भागीरथी नदी पर सन 2008 में 304 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता वाला धरासू पॉवर स्टेशन स्थापित किया गया है.
तब से अब तक लम्बा अरसा गुजर गया है ! संभव है कि यहाँ के लोगों के मन-मस्तिष्क में मुझसे जुडी यादें धूमिल पड़ गयी हों ! लेकिन जब भी इधर से गुजरता हूँ तो पुरानी यादें बरबस ही ताजा हो आती हैं....


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