Monday 27 August 2018

जिज्ञासा !


जिज्ञासा !

      मुग़ल काल एक ओर जहाँ शाही वैभव के लिए जाना जाता है वहीं इस काल में शाही तख़्त हथियाने की हवश में साजिशें रचकर कई क्रूर अमानवीय वारदातों को अंजाम दिया गया ! वज़ीर गाजीउद्दीन ने मुगल काल के पन्द्रहवें बादशाह अहमद शाह को अँधा करके गद्दी से उतरवा दिया और सोलहवें बादशाह के रूप में आलमगीर द्वितीय को तख़्तनशीं करवा दिया. कहा जाता है कि आलमगीर द्वितीय, वज़ीर गाजीउद्दीन की कठपुतली के रूप में काम करते हुए जब तंग आ गया तो उसने वज़ीर ग़ाजीउद्दीन से मुक्त होने की सोची. इस कारण वज़ीर ग़ाजीउद्दीन ने षढयंत्र के तहत आलमगीर द्वितीय की हत्या करवा दी थी ..
खैर ! अब विषय पर आता हूँ. मैं जिज्ञासावश यहाँ फिरोजशाह कोटला किले में उस निश्चित स्थान को देखने आया था जिस जगह आलमगीर द्वितीय की हत्या को पढ़ा था और इंगित करने वाला विडियो देखा था. थोडा बहुत मशक्कत के बाद स्थान भी मिल गया.
अब आप भी देखिये ! फिलहाल ये कूड़ादान अधिक लग रहा है ! नीचे उतरने के लिए सीढियां नहीं है इसलिए झाँकने पर तहखानों का आभास हो रहा है.
अब आप भी विश्लेषण कीजियेगा, भला ! क्या बादशाह तहखाने में कूदकर प्रवेश किया होगा !! और फिर उसकी हत्या की गयी होगी !!
एक और विरोधाभासी तथ्य देखने में आया ! यहाँ लगे ASI शिलापट्ट में आलमगीर द्वितीय की मृत्यु सन 1761 में उत्कीर्ण की गयी है जबकि सामान्यत: इतिहास में आलमगीर द्वितीय की मृत्यु 29 नवम्बर 1759 बताई गयी है !



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