Monday 19 October 2015

कलियुग में नंदी महाराज




कलियुग में नंदी महाराज

            कहा जाता है एक बार रावण को अपनी शक्ति पर इतना घमंड हुआ कि अपनी शक्ति आजमाने के लिए रावण ने कैलाश पर्वत को ही उठा कर शिव निवास को असंतुलित कर हलचल मचा दी !!
           शिव अनुगामी नंदी महाराज को रावण की इस हरकत पर बहुत गुस्सा आया और उन्होंने रावण के हाथ को अपने पैर से इतने जोर से दबाया कि रावण त्राहिमाम चिल्लाने लगा !!
           नंदी महाराज ने तब तक रावण के हाथ को दबाये रखा जब तक वह शिव शरणागत होकर शिव आराधना में लीन नहीं हो गया.
          तब तो एक रावण ने एक शिखर कैलाश को उठाने का दुस्साहस कर अनिष्ट को निमंत्रण दिया था लेकिन अब तो कई रावण मिलकर पूरी दुनिया में समाज के विभिन्न शिखरों को उठाकर, दुनिया को असंतुलित कर के हलचल मचाने का काम कर रहे हैं !!
             नि:संदेह !! कलियुग में नंदी महाराज का काम भी काफी व्यस्ततापूर्ण व कठिन हो गया होगा !
क्यों न हम भी अपने स्तर पर नंदी महाराज के काम में सहयोग कर शिव कृपा के भागी बनें !!
    भव्य रूप में नंदी महाराज का दर्शन सुख मिला तो भला श्री सानिध्य में फोटो क्लिक करवाने का लोभ संभरण कैसे कर सकता था ..


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