घात लगा बैठा है दुश्मन
मौका देख रहा अविराम !
मत भूलो !!
अहम् और स्वार्थ के कारण मानवता रही सदियों तक गुलाम !!
.. विजय जयाड़ा
मौका देख रहा अविराम !
मत भूलो !!
अहम् और स्वार्थ के कारण मानवता रही सदियों तक गुलाम !!
.. विजय जयाड़ा
विद्यालय परिसर में पेड़ पर पत्तों और झाड़ियों की ओट में शिकार की तलाश में घात लगाये ये बिल्ली रोज की तरह कल भी दिखी !! रोज कबूतरों को ऐसे स्थान पर दाना देता हूँ जहाँ ये बिल्ली उनको नुकसान न पहुंचा सके. लेकिन सोचता हूँ..कब तक कबूतरों को इस बिल्ली से बचा पाऊंगा !! क्योंकि ये बिल्ली घात लगाने का स्थान बदलती रहती है !! बिल्ली का भी दोष नहीं ! प्राकृतिक रूप से हिंसक है .. अतः कबूतरों को स्वयं भी सजग रहना होगा !
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