Saturday, 20 February 2016

क्या लिखूँ !!





  क्या लिखूँ !!

  कसमसाती है कलम !
कुछ लिखूँ
        मगर ____
  लिखूँ ! मगर क्या लिखूँ !
दिन को दिन लिखूँ
  दिन को रात लिखूँ !
   सोचता हूँ क्या लिखूँ !!
बसंत को बसंत लिखूँ
पतझड़ लिखूँ ! या
   पतझड़ को बसंत लिखूँ !!
कसमसाती है कलम !
   कुछ लिखूँ !!
सच को सच या
सच को झूठ लिखूँ !
        या _____
झूठ पर सच का
मुलम्मा चढ़ा कर लिखूँ !!
    झूठ-सच___
सब मन-मस्तिष्क में
सोचता क्यों ! क्या लिखूँ !
कसमसाती है कलम !
कुछ लिखूँ ...
ना बड़बोलों की जय लिखूँ
ना अपनी ही मैं जय लिखूँ
      अगर मैं कुछ लिखूँ___
हर धड़कन में बसने वाली
       भारत मां तेरी जय लिखूँ___
   भारत भूमि की जय लिखूँ ....

.. विजय जयाड़ा 20.02.16

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