Monday, 31 October 2016

एकदा.. चिलचिलाती धूप में आगरा से 43 किमी. दूर फतेहपुर सीकरी, आगरा ( Fatehpur Seekari, Agra ) में..


एकदा.. चिलचिलाती धूप में आगरा से 43 किमी. दूर फतेहपुर सीकरी में.. 


सर्व धर्म समभाव के मुगलिया निशान ..
       बादशाह अकबर द्वारा गुजरात फतह को शानदार यादगार बनाने के उद्देश्य से 1602 में 42 सीढ़ियों के ऊपर लाल बलुवा पत्थर से लगभग 54 मी. ऊंचा और 35 मी. चौड़ा बुलंद दरवाजा बनाया गया. जिस पर संगमरमर से सजावट की गई है।
      बुलंद दरवाजे के तोरण द्वार पर प्रभु यीशु द्वारा अपने शिष्यों को दिया गया यह उपदेश पर्सियन भाषा में उत्कीर्ण है ..
      “ यह संसार एक पुल के समान है, इस पर से गुज़रो अवश्य, लेकिन इस पर अपना घर मत बना लो। जो एक दिन की आशा रखता है वह चिरकाल तक आशा रख सकता है, जबकि यह संसार घंटे भर के लिये ही टिकता है, इसलिये अपना समय प्रार्थना में बिताओ क्योंकि उसके सिवा सब कुछ अदृश्य है."


No comments:

Post a Comment