शहीद स्मारक, नोएडा सेक्टर-29.उत्तर प्रदेश , Shaheed Smarak, Sec-29, NOIDA, U.P.
1997 में नोएडा सेक्टर-29 के आस पास के सेक्टरों में बसे लगभग पचास हजार सेवारत् व सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों के मन में नोएडा वासियों को शहीदों से करीब से जोड़ने के लिए शहीद स्मारक बनाने का विचार आया था लेकिन स्मारक निर्माण पर आने वाली बड़ी लागत के चलते, विचार ठन्डे बसते में समा गया.1999 में कारगिल युद्ध में कैप्टन विजयंत थापर की शहादत पर उनका पार्थिव शरीर नोएडा लाया गया तो लाखों निवासियों की भीड़ उनके अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ आई ! शहीदों के प्रति नोएडा वासियों के लगाव को देखकर स्मारक बनाने की मुहीम ने फिर जोर पकड़ा और देखते ही देखते अनेकों हाथ सहयोग के लिए बढ़ आये.
पार्क परिसर की दो एकड़ भूमि पर चारों तरफ हरियाली व शोभादार वृक्षों के मध्य नोएडा के 33 ज्ञात व अज्ञात अमर शहीदों की याद में बनाये गए “ शहीद स्मारक “ के रूप में एक ऊंचे ऊंचे बलुआ पत्थर की लाट है जिस पर दर्शनाभिलाषी फूल चढ़ाकर शहीदों को श्रद्घांजलि अर्पित करते हैं। लाट की परिधि में लगे शिलापट्टों पर अमर शहीदों के नाम उत्कीर्ण हैं।
स्मारक के प्रवेश द्वार पर दो टैंक विनाशक तोप रखी गयी हैं. स्मारक में राष्ट्रीय ध्वज के साथ तीनों सेनाओं के ध्वज, राष्ट्र के प्रति सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा देते महसूस होते हैं.
परिसर में रखे गए सतह से हवा में मार करने वाली दो मिसाइल और एक ट्रेनर जेट भी आकर्षण का केन्द्र हैं.. 13 अप्रैल 2002 को सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल एस. पद्मनाभन, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एस . कृष्णमूर्ति और नौसेना प्रमुख एडमिरल माधवेंद्र सिंह ने शहीद स्मारक का उद्घाटन किया. ये एक दुर्लभ अवसर ही था जब तीनों सेनाओं के प्रमुख सिविल संस्था द्वारा संचालित स्मारक के उद्घाटन के अवसर पर एक साथ उपस्थित हुए थे.
अमर शहीदों की कुर्बानियों को जीवन्त करता नोएडा शहीद स्मारक, शहीदों व उनके बलिदान के प्रति नमन, वंदन व जय हिंद करने तक ही सीमित न रखकर, साहस, शौर्य, कर्तव्यनिष्ठा व मातृभूमि के प्रति समर्पण का संदेश देने में पूर्ण सक्षम है।
https://youtu.be/60_7A9k8Po4
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